वास्तुशास्त्र में प्रमुख 16 दिशाओं का लेखा जोखा ज्यादा रहता है । इन 16 दिशाओं के अलग-अलग देवता एवम् ग्रह हैं ।

जिस प्रकार जन्म कुण्डली में 12 भाव होते हैं और प्रत्येक भाव के अलग–अलग ग्रह होते हैं । इसी प्रकार से ग्रह अपने शुभ और अशुभ प्रभाव से वास्तु की विभिन्न दिशाओं को प्रभावित करके वहां रहने वालों के जीवन पर शुभाशुभ प्रभाव डालते हैं ।

पूर्व दिशा उत्तर–पूर्व उत्तर दक्षिण–पूर्व दक्षिण दक्षिण पश्चिम पश्चिम उत्तर पश्चिम उत्तर उत्तर पश्चिम उत्तर उत्तर पूर्व पूर्व उत्तर उत्तर पूर्व दक्षिण पूर्व दक्षिण दक्षिण पूर्व दक्षिण दक्षिण पश्चिम दक्षिण पश्चिम दक्षिण उत्तर पश्चिम उत्तर 

अगर आपके घर का वस्तु नहीं है ठीक तो यह उपाए होगा सबसे कारगर!

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