वास्तु दिशा और इसका अर्थ

पूर्व दिशा: यह दिशा भगवान इंद्र द्वारा शासित है और उन्हें देवताओं का राजा माना जाता है। वह धन और जीवन के सुख प्रदान करता है। दक्षिण पूर्व: यह दिशा अग्नि के स्वामी- अग्नि द्वारा शासित है। वह हमें एक अच्छा व्यक्तित्व और जीवन की सभी अच्छी चीजें देता है। आग स्वास्थ्य का एक स्रोत है क्योंकि यह आग, खाना पकाने और भोजन से संबंधित है।

दक्षिण दिशा: यह दिशा मृत्यु के देवता यम की है। वह धर्म की अभिव्यक्ति है, बुरी ताकतों को मिटाता है, और अच्छी चीजों को प्रदान करता है। यह धन, फसल और सुख का स्रोत है। दक्षिण पश्चिम: यह दिशा निरुति द्वारा निर्देशित है, जो हमें बुरे दुश्मनों से बचाती है। यह चरित्र, आचरण, दीर्घायु और मृत्यु के मामले का स्रोत है।

पश्चिम दिशा: इस दिशा का निर्देशन वर्षा के स्वामी भगवान वरुण ने किया है। वह प्राकृतिक जल-वर्षा के रूप में अपना आशीर्वाद प्रदान करता है, जिससे जीवन में समृद्धि और सुख मिलता है। उत्तर पश्चिम: यह स्थान भगवान वायु द्वारा निर्देशित है और वे हमारे अच्छे स्वास्थ्य, शक्ति और लंबे जीवन को लाते हैं। यह व्यापार, मित्रता और शत्रुता के क्रम में परिवर्तन का स्रोत है।

उत्तर: यह दिशा धन के देवता कुबेर द्वारा शासित होती है। उत्तर पूर्व: इस स्थान की देखरेख भगवान ईशान करते हैं, और यह धन, स्वास्थ्य और सफलता का स्रोत है। वह हमें ज्ञान और ज्ञान लाता है और हमें सभी दुखों और दुर्घटनाओं से मुक्त करता है।