दिगंबर जैन महिला मंडल सोसाइटी और जैन समाज के संयुक्त तत्वावधान में शहर के जैन मंदिर में नौ जुलाई से 25 अगस्त तक 48 दिवसीय भक्तामर विधान का आयोजन किया गया है। भक्तामर स्रोत में जैन धर्म के तीर्थकर भगवान आदिनाथ की स्तुति की गई है। स्रोत में बताया गया है कि धर्म के प्रति अटूट भक्ति एवं श्रद्धा के बल पर मुनि मानतुंग स्वामी ने अपने आप को 48 तालों के बंधर से मुक्त किया। 48 दिवसीय भक्तामर विधान में सुबह सात से नौ बजे तक पूजा-अर्चना की जा रही है और शाम को साढ़े सात बजे से 48 दीपकों की महाआरती की जा रही है। समाज के सभी परिवार के लोग इसमें बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। समाज के सभी वर्ग उत्सापूर्वक कार्यक्रम में सहभागिता निभा रहे हैं और अत्याधिक पुण्य का संचय कर अपने जीवन को धन्य कर रहे हैं।
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